Thursday, September 19, 2019

भौगोलिक विचारधाओं का विकास

                                  भौगोलिक विचारधाओं का विकास

 भूगोल विषय से संबधित इस ब्लॉक में भौगोलिक विचारधारों का विकास से संबधित महत्वपूर्ण नोट्स तैयार किये गये है जो युजीसी नेट तथा राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित कि जाने वाली विभिन्न एग्जाम हेतु अत्यंत उपयोगी सिद्ध हो सकतें है। इस ब्लॉक में भूगोल की उत्पत्ति से लेकर रोमन काल तक के नोट्स उपलब्ध करवाये जा रहें है। बाकी के बचे हुए नोट्स इसी तरह अलग अलग भागों में जल्द ही उपलब्ध करवा दिये जायेगे।    link आधुनिक भूगोल का शास्त्रीय काल
    भूगोल की परिभाषा-
    भूगोल शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग इरेटास्थेनीज एक ग्रीक विद्वान (276-194 ई. पू.) ने किया।
    यह शब्द ग्रीक भाषा के दो मूल शब्द Geo (पृथ्वी) एंव graphos (वर्णन) से प्राप्त किया गया है दोनों को एक        साथ रखने पर इसका अर्थ बनता है, पृथ्वी का वर्णन है।
             भौगोलिक विचारधारा
  •     देश     विचारधारा
  •    जर्मनी  लैडशाफ्ट
  •    फ्रास    मानव पारस्थितिकि
  •   USSR   मानव व भौतिक तथ्यों पर आधारित विचारधारा

                              प्रमुख भौगोलिक युग

  •    शास्त्रीय काल 600 ई. पू. से 300 ई. तक
  •    अंधकार युग 300 ई. से 1200 ई. तक
   चिरसम्मत युग 18 वीं शताब्दी (मुख्य रुप से हम्बोलट, रिटर, रैटजैल का काल रहा)

                               प्रमुख भूगोलवेत्ता
 1.यूनानी-              1. होमर
                              2. थेल्स
                              3. अनेक्जीमैड                                   
                              4.  हिकेटियस
                              5. हेरोडोट्स
                              6, प्लूटों
                              7. अरस्तू
                              8. इरेटॉस्थेनीज                                             
                              9.  हिप्पाकिस
                            10. पोसिडोनियस

 2. रोमन-               1.स्ट्रेबो 2. प्लिनी 3. टॉलमी
                              4. पोम्पोनियस मेला

 3. अरब-                1. इब्न होवल     2. इब्नसीना
                              3. अल मसूकी.   4. अल-बरुनी
                              5. अल-इदरीसी  6. इब्न बतूता                                       
                              7. इब्न खाल्दून

 4. पुर्नजागरण काल-
तेरहवीं से सत्रहवीं शताब्दी के काल को पुर्नजागरण काल कहा गया है। इस काल मुख्य रुप से तीन विद्वानों  का  उल्लेखीनय योगदान रहा है।
                           1. क्लूवेरियस (जर्मनी)
                           2. वारेनियस (जर्मनी)
                           3. माण्ट (जर्मनी)

5. जर्मन-              (1) बुआचे          (2) फास्टर बंधु
                           (3) काण्ट           (4) हम्बोल्ट
                           (5) कार्ल रिटर (6) रैटजैल
                           (7) रिचथो फैन (8) हेटनर
                           (9) पैंक

6. फ्रास-             1. विडाल-डी ला ब्लाश
                        2. जीन ब्रंश
                        3. अल्बर्ट डीमांजिया
                        4. रैकलस
                        5. लीप्ले
                        6. मार्तोनी

7. ब्रिटिश-          1. मेकिण्डर
                         2. एण्ड्रयू जॉन हरबर्टसन
                        3. लोरेस डडले स्टेम्प
                         4. रिचार्ड जे. चोर्ले
                        5. पीटर हेगेट 6.पी. एम. रॉक्सबी

8. अमेरिकन 1. विलियम मोरिस डेविस
                          2. अर्नो हैनरी गायोट
                         3. हेलन चर्चिल सेम्पुल
                         4. इसा बोमेन
                         5. एल्सवर्थ हंटिंगटन
                         6. थॉमस ग्रिफिथ टेलर
                         7. कार्ल सावर
                         8 रिचर्ड हाटशोर्न

9. रुस                1. मिखाइल लामोनोसोव
                        2. वी. वी. डोकुचायेव
                        3. अकादमेशियन इन्नोकेंटी गेरासिमोव

             यूनानी भूगोलवेत्ता
1.होमर (Homer)
  प्रमुख रचना-
                इलियड (Illiad)  व ओडेसी (Odyssey)
होमर के अनुसार सूर्य समुद्र से उगता है और उसी में अस्त हो जाता है। होमर के अनुसार पृथ्वी के ऊपर चार लौहे के स्तम्भ है जिन पर आकाश टीका हुआ है, इन स्तम्भों को एटलस नामक व्यक्ति ने पकड़ रखा है।
होमर को स्ट्रेबो ने भूगोल का जनक कहा है।
होमर के अनुसार हवाए चार प्रकार की होती है।
       बोरियस,  जीफायरस,  युरुस,  नोट्स 
               1 बोरियस- ये हवाए ठंडी हवाएं है इनके कारण मौसम सुहाना व वर्षा कम कर होती है।
               2 नोट्स- दक्षिण दिशा में प्रवाहित होने वाली तृफानी हवाए
               3 जिफायरस- पश्चिमी भाग में प्रवाहित होने वाली तुफानी हवाए।
               4 युरुस- ये पूर्वी भाग में गर्म व शांत हवाएॅ है।

2. थेल्स (Thals
    मिलेट्स शहर से संबध
   सर्वप्रथम नील नदी के डेल्टा का अध्ययन किया।
   थेल्स के अनुसार नील नदी दो नदियों से मिलकर बनी है- बाहेल गजल व बाहेल अजरक
   थेल्स के अनुसार पृथ्वी एक चपटी, गोलाकार, तश्तरीनुमा है जो पानी पर तैरती है।
   थेल्स ने जलवायु को 5 खंडों में   विभाजित किया विभाजित किया।
   थेल्स का संबध आयोनिक ऑफ फिलोसॉफी

3. एनैक्सीमेण्डर(Anxmander)
    मिलेट्स शहर से संबध
    सर्वप्रथम विश्व का मानचित्र बनाया।
    सर्वप्रथम मापनी पर आधारित विश्व का मानचित्र बनाया।
    विश्व प्रसिद्ध नोमोन (Gnomon) यंत्र का आविष्कार किया  यह समय मापक घड़ी है।

4. हैकेटियस (Hecataeus)
    मिलेट्स शहर से संबध
    प्रादेशिक भूगोल का पिता कहा जाता है।
    प्रसिद्ध ग्रथ-
              1.  वंशावलियों का वर्णन (Genealogies)
              2.  जेसपीरियोडस (Gesperiodus)
              3. जेसपीरियोडस का दुसरा नाम डिस्क्रिप्सन ऑफ दि अर्थ (Description of the Earth)
                   जेसपीरियोडस दो भागों में विभक्त है।
                   जेसपीरियोडस का पहला खंड- यूरोप का अध्ययन
                   जेसपीरियोडस का दुसरा खंड  एशिया व अफ्रीका का अध्ययन

5. हेरोडोटस (Herodotus) 
    हेरोडोटस को इतिहास का जनक कहा जाता है।
    सर्वप्रथम डेल्टा शब्द का प्रयोग किया।
    हेरोडोटस के अनुसार मिस्त्र नील नदी की देन है।
    हेरोडोटस ने हिन्दमहासागर को इरेथ्रियन कहा।
    प्रसिद्ध पुस्तक- हिस्टेरोग्राफी (Histerography)

6. प्लेटो
    पुस्तक टिमायस
7. अरस्तु 
   प्रमुख ग्रंथ-
                1. Meterologle
                2. Treatise on the Heavens
8. इरेटोस्थनीज (273 - 194 ई. पू.)
   यह एक ग्रीक विद्वान था
   सर्वप्रथम भूगोल शब्द का प्रयोग किया।
   प्रसिद्ध ग्रंथ
            ज्योग्राफिका
     सर्वप्रथम अक्षांश व देशांतर को ग्लोब पर दर्शाया
     इरेटोस्थनीज को भूगोल का जनक कहा जाता है।
     सर्वप्रथम पृथ्वी के आकार व परिधि को दर्शाया पृथ्वी व आकृति गोलाभीय बताई।
     सर्वप्रथम विश्व के मानचित्र पर 7 अक्षांश तथा 7 देशांतर रेखाओं को दर्शाया।
10. हिप्पारकस (Hipparchus)
     हिप्पारकस एक महान खगोलशास्त्र था।
     एस्ट्रोलेब यंत्र का आविष्कार किया।
     सर्वप्रथम विश्व जलवायु को 11 भागों बांटा।
     सर्वप्रथम वृत्त को 360 डिग्री में बांटा।
     सर्वप्रथम 0 डिग्री अक्षांश तथा 0 डिग्री देशांतर रेखा को बृहद वृत्त के रुप में बताया।
11. पोसिडोनियस (Posidonius)
     भौतिक भूगोल का पिता कहा जाता है।
      सर्वप्रथम ज्वार-भाटा, पृथ्वी की परिधि व महासागरों की गहराई के बारे में क्रमबद्ध रुप से अध्ययन किया।

                         रोमन भूगोलवेत्ता
12. स्ट्रेबो (Strab)
     एक महान प्रादेशिक भूगोलवेत्ता।
    रोमनवासी होते हुए अपने ग्रंथ यूनानी भाषा में लिखे ।
    प्रसिद्ध ग्रंथ-
                भौगोलिक विश्वकोष 17 खंडों में विभक्त है।
    खंड 1 व 2 - विश्व भूगोल तथा सामान्य भूगोल
    खंड 3, 4, 5, - यूरोप के देशों का वर्णन
    खंड 6 व 10 - यूरोप का भौगोलिक वर्णन
    खंड 11 व 14 - एशिया का वर्णन
    खंड 15 - भारत का वर्णन
    खंड 16 एशिया माईनर (टर्की) का वर्णन
    खंड 17 - अफ्रीका (मिस्त्र व लिबिया) का वर्णन
    स्ट्रेबों ने विश्व में बसे हुए स्थान, भू-भाग को (Oikoumene) कहा है।
   Note- इरेस्टोस्थनीज ने Ecumene को बसे हुए भाग से जाना।
13.प्लिनी (Piny)
     प्रमुख ग्रंथ-
        1. प्राकृतिक इतिहास  (Historia Naturalis) 37 खंडों में विभक्त है।
        2. हिस्ट्री ऑफ दि वार्स इन जर्मनी (History of the wars in Germany) 20 खंडों में
       3. हिस्ट्री ऑफ द ओवन टाइम्स (History of his own times) 21 खंडों में
       4. मिटियोरोलोजी (Meteorology)
        एक मात्र ऐसा भूगोलवेत्ता जिसने पृथ्वी के विभिन्न भू-भागों के वर्णन का भी विस्तृत वर्णन किया था।
14.  टॉलमी
       प्रमुख ग्रंथ
         1. गाइड टू ज्योग्राफी (Geographic Syntaxis) 8 खंडों में
         2. द आउट लाइन ऑफ ज्योग्राफी  (भूगोल कि रुपरेखा)
         3. एनेलिमा (Anaelema)
         4. अल्माजेस्ट (Almagest) 13 खंड में
         5. ग्रहीय परिकल्पना (Hypothesis on Planets)
         6. ज्योग्राफीकी
         7. गणीतीय भूगोल
    टॉलमी के अनुसार भूगोल वह विज्ञान है, जो पृथ्वी की झलक स्वर्ग में देखता है।
    टॉलमी का मानचित्र शंकुवाकार प्रक्षेप पर बना हुआ है।
    टॉलमी की पुस्तक एनेलिमा में ग्लोब का प्रदर्शन लम्बकोणीय प्रक्षेप के द्वारा किया गया था।
    15. पोम्पोनियस मेला
        प्रमुख ग्रंथ
            1. Cosmography
            2. डिकोरोग्राफिया (Dechorographia) (इसमें यूरोप की जलवायु को शीतोष्ण बताया है।)
            3. स्काईलैक्स (Skylax)















               









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