फ्रांंसिसी भौगोलिक विचारधाराएँ
फ्रांस में भौगोलिक चिंतन का विकास
फ्रांस में भौगोलिक चिंतन के प्रति सचेत होने का कारण- फ्रैको - प्रशन युद्ध में फ्रांस की पराजय हुई युद्ध के बाद यह अनुभव किया जाने लगा कि विश्व के भिन्न-भिन्न भागों में भौगोलिक परिवेश तथा जीवन-पद्धति का समुचित ज्ञान जरुरी है।विश्व विद्यालय स्तर पर भूगोल का अध्ययन अनिवार्य हो गया था।
फ्रांस के भौगोलिक विकास मे पेरिस में स्थित सोसायटी दी ज्योग्राफी का अहम योगदान है।
अंतर्राष्ट्रीय भौगोलिक काग्रेस ने फ्रांस के भौगोलिक विकास में मुख्य भूमिका निभाई।
(1) विडाल डी ला ब्लास (Vidal de la Blache 1845-1918)
फ्रांस के आधुनिक भौगोलिक चिंतन के विकास में ब्लास की केंद्रीय महत्ता थी। फ्रांस में मानव केंद्रित आधुनिक चिंतन की नीव रखी। 1866 में पेरिस के इकोल नॉर्मल सुपीरियर सस्थान से ग्रेजुएट किया। तथा 1872 में यहाँ से डॉक्टरेट की उपाधि ग्रहण की। 1898 में पेरिस विश्वविद्यालय में मानव अध्ययन के विश्व प्रसिद्ध संस्थान सारबोन में भूगोल के आचार्य के रुप में कार्य किया। रेटजैल के एन्थ्रोपोज्योग्राफी के 1891 में प्रकाशीत द्वितीय खंड में व्यक्त विचारों से प्रभावित होकर ब्लॉस ने सम्भववाद संकल्पना का प्रतिपादन किया।- ब्लास के अनुसार संम्भवाद- प्रकृति भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में मानव प्रकृति के लिए एक निश्चित सीमा के अंदर अनेक संभावनाऐ प्रस्तुत की है तथा प्रत्येक समुदाय अपनी तकनीकी क्षमता, सस्कारों के आधार पर अपने विकास का मार्ग स्वय चुना है।
- ब्लाश की मान्यता थी की एक ही प्रकार के पर्यावरण में पीढ़ी दर पीढ़ी चलते आ रहे सामूहिक प्रयास के परिणामस्वरुप प्रत्येक क्षेत्र में निवास करने वाला मानव समुदाय सामाजिक और आर्थिक जीवन की एक विशिष्ट अनुठी पद्धति विकसीत कर लेता है। इस जीवन पद्धति को ब्लाश ने जेनेरे-डी वाई का नाम दिया।
- ब्लाश ने विकसित निवाश क्षेत्रों को पेयस (Pays) कहा (चंले) कहा।
- 1918 में ब्लास स्वर्गवासी हो गये थे। इस दौरान मार्तोनी ने ब्लॉश की प्रिंसीपल ऑफ हृमन ज्योग्राफी का प्रकाशन 1922 में पूर्ण रुप से किया।
- फ्रांस में ब्लाश को मानव भूगोल का जनक कहा जाता है।
- 1872 से 1877 तक नैन्शी विश्वविद्यालय में प्रोफेसर रहे।
ब्लॉश के प्रसिद्ध ग्रंथ-
1. यूरोप के राज्य व राष्ट्र (1889)
2. यूरोप की मानचित्रावली (1894)
3. ऐनाल्स दी ज्योग्राफी (1891)
4. फ्रांस का भूगोल (1903)
5. मानव भूगोल में जीवन के तरिके (1911)
6. भूगोल की विभिन्न विशेषताएँ (1913)
7. पूर्वी फ्रांस का भूगोल (1917)
8. प्रिंसीपल ऑफ हृमन ज्योग्राफी (1921)
- पार्थिव एकता की संकल्पना (Concept of Therrestrial Unity)- ब्लॉश के अनुसार प्रकृति परामर्शदात्री के अतिरिक्त कुछ नही है। (Nature is never more then an Adurser)
(2) जीन ब्रंश (Jean Brunhes 1869-1930)
ब्लॉश का शिष्य
संभववाद का प्रबल समर्थक
प्रमुख पुस्तक-1. मानव भूगोल (Geographic Humaine) 1910) 3 तीन खंडों में
2. La geographie de la Historie 1911
3. फ्रांस का मानव भूगोल (1920)
4. फ्रांस का राजनीतिक व आर्थिक जीवन (1926)
5. ईसा बोमेन की पुस्तक- (New world) का फ्रांसीसी भाषा में अनुवाद
- क्रियाशीलता का सिद्धांत (Principle of Activity)- इस सिद्धांत के अनुसार हमारे चारों और जितनी वस्तुएँ है वे सभी परिवर्तनशील है, प्रत्येक वस्तु या तो वृद्धि कर रही है या घट रही है। वास्तव में कुछ भी स्थायी नही है। क्योकि भूगोल के भौतिक एंव मानवीय तथ्य परिवर्तनशील है अतः इस दृष्टि से उनका अध्ययन किया जाना चाहिए इस जीन ब्रंश ने विकास एंव क्रियाशीलता का सिद्धांत कहा।
ऽ अंतक्रिया का सिद्धांत (Principle of Interconnection)- इस सिद्धांत को पार्थिव एकता का सिद्धांत भी कहा जाता है।
3. अल्बर्ट डीमाजिया (Albert Demangeon 1872-1940)
- ब्लॉश का शिष्य
- मानव भूगोल में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
प्रमुख पुस्तक-
1. मानव भूगोल की समस्याएँ
2. पिकार्डो का भूगोल
(4) एलिसी रेकलस (Elise Reclus 1830-1905)
रेकलस जर्मन भूगोलवेत्ता रिटर का शिष्य था
प्रमुख पुस्तक-
1. ला टेरी या भौतिक भूगोल
2. विश्व का नवीन भूगोल
(5) फ्रेडरिक लीप्ले (Leplay 1806-1882)
निवास क्षेत्र एंव समाज के बीच संबधों पर बल दिया।
(6) एमेनुएल डीमार्टोनी (Emmannuel De Martonne 1873-1955)
मनव भूगोल व संभववाद का प्रबल समर्थक
प्रमुख ग्रंथ-
1. रोमानिया, आल्प्स , मध्य यूरोप तथा फ्रांस का भौतिक भूगोल 1942 दो खंडों में ।
2. भौतिक भूगोल की विशेषताएँ 1909
(7) राउल ब्लैचार्ड (1877-1965)
अल्पाईन भौगोलिक संस्थान का संस्थापक
प्रमुख पुस्तके-
1. नगरीय भूगोल का विधि तंत्र (Methodology of Urban Geography 1922)
2. पश्चिमी एशिया
(8) ल्यूसियन फ्रेब्रे (Febvre 1878-1956)
फ्रेब्रे को संभववादी विचारधारा का जन्मदाता कहा जाता है।
link भौगोलिक विचारधाओं का विकास
link आधुनिक भूगोल का शास्त्रीय काल
link अरब भूगोलवेत्ता Arab Geographers
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