भारत में भूगोल का विकास (Development of Geography in India)
19वी शताब्दी के आधे दौर के गुजर जाने बाद भी भारत में भूगोल के क्षेत्र कोई खास विकास नही हो पाया इसका प्रमुख कारण यह माना जाता है, भारत में भौगोलिक खोजों, अनवेषणों आदि का प्रयाप्त अभाव था तथा उच्च शिक्षण संस्थानों, विश्वविद्यालयों, स्कुलों ऐसे शिक्षको का अभाव था जिनका भूगोल विषय के ज्ञान का अभाव था। इस दौर तक भूगोल का अध्ययन केवल इतिहास राजनीति, समाजशास्त्र आदि विषयों के साथ भूगोल को पढ़ाया जाता है। कहने का मतलब यही यह की इस समय तक भूगोल को एक स्वतंत्र विषय के रुप में नही पढ़ाया जाता था।
भारत में भूगोल के अध्ययन के वास्तविक दौर की शुरुआत भारत की आजादी के बाद शुरु हुआ, जब आस्ट्रेलिया के एक भूगोलवेत्ता ओ. एच. स्पेट ने भारत और पाकिस्तान का सयुक्त रुप से भूगोल लिखा उनके द्वारा लिखित इस पुस्तक का नाम इंडिया पाकिस्तान है। हालाकि सर्वप्रथम भूगोल विषय का अध्ययन अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में 1931 में प्रारम्भ हुआ हो गया था।
भारत के प्रमुख भौगोलिक सस्थान निम्न है।
- भारत में सर्वे ऑफ इंडिया की स्थापना 1767 में देहरादून संस्थान में गई थी। इस संस्थान में भू-प्रपत्र (टोपोशीट, मानचित्रावली) बनाये जाते है।
- सर्वप्रथम आस्ट्रेलियाई भूगोलवेत्ता स्पेट ने सन 1950 में भारत व पाकिस्तान इंडिया- पकिस्तान पुस्तक लिखी।राष्ट्रीय सुदूर सवेदन एजेन्सी हैदराबाद में है।
(1) अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय- इस विश्वविद्यालय में सर्वप्रथम प्रोफेसर डॉ इबदुर्रहमान थे।
- यहाँ 1934 से 2007 तक प्रोफेसर मोहम्मद शफी ने अपना अहम योगदान दिया।
- 1956 में शफी ने लैण्ड यूटीलाइजेशन इन ईस्टर्न उत्तर प्रदेश नामक पुस्तक लिखी।
- इस विश्वविद्यालय में 1956 में अंतराष्ट्रीय भौगोलिक संगोष्टी का आयोजन हुआ। (भारत की पहली भौगोलिक संगोष्ठी थी)
- मो. शफी ने सर्वप्रथम कृषि भूगोल की स्थापना की थी।
- शफी ने वॉन थ्यूनेन के सिद्धांत को भारत के संदर्भ में त्रुटिपूर्ण बताया।
1. प्रो मजफ्फर अली- इन्होने पौराणिक भूगोल की नींव डाली (The Geography of puran) इस पुस्तक का प्रकाशन 1966 में हुआ।
(2) कलकता विश्वविद्यालय-
यहॉ एस, पी चटर्जी ने सर्वप्रथम अपना योगदान दिया।
(3) बनारस हिन्दु विश्वविद्यालय- यहाँ सर्वप्रथम 1947 में डॉ. एच.एल छिब्बर ने भूगोल विभाग की स्थापना की थी।
1. एच. एल छिब्बर की पुस्तके
1. जियोलॉजी ऑफ बर्मा
2. द मिनरल्स रिसर्स ऑफ बर्मा
3. फिजीकल बेसिन ऑफ ज्योग्राफी ऑफ इंडिया
4. द फिजीयोग्राफी ऑफ ज्योग्राफी ऑफ इंडिया
5. एडवांसड इकोनामीक ज्योग्राफीक ऑफ इंडिया पाकिस्तान
2. डॉ. रामलोचन सिंह (1947-2001) इन्हे भारतीय नागरीक भूगोल का जनक कहा जाता है।रामलोचन सिंह ने अन्तराष्ट्रीय भूगोल संघ में ग्रामीण बस्तियों में कमीशन की संघोष्टी में अध्यक्षता की थी।
प्रमुख पुस्तक
इंडिया ए रिजनल ज्योग्राफी
1. भारत एवं प्रादेशिक भूगोल 1977 (भारतीय भूगोल का विश्वकोश) माना जाता है।
(3) पंजाब विश्वविद्यालय- इसकी स्थापना सन 1944 में हुई थी ।
प्रमुख प्रोफेसर
आर सी चॉन्दना
एबी मुखर्जी
इस विश्वविद्यालय में जनसंख्या भूगोल के अध्ययन में ख्याति प्राप्त हुई थी।
(4) उस्मानियाँ विश्वविद्यालय (हैदराबाद)- में भूगोल की स्थापना 1955 में सैय्यद अहमद ने की ।
(5) राजस्थान विश्वविद्यालय-
राजस्थान में भूगोल की स्थापना 1966 में हुई थी
प्रमुख प्रोफेसर- डॉ. इंद्रपाल, प्रोफेसर लक्ष्मी शुक्ला, रामकुमार गुर्जर, बी.सी जाट
(6) जे एन यु (J.N.U)-
जे एन यु की स्थापना 1969 मे हुई भूगोल की स्थापना का श्रेय प्रसिद्ध भूगोलवेत्ता प्रोफेसर मुनिसराज को जाता है।
मुनिसराज को आधुनिक भारतीय भूगोल का महत्वपूर्ण स्तंभ माना जाता है। भारत का एक मात्र भूगोलविद था जिसने पीएचडी नही की लेकिन अनेको छात्रों को पीएचडी करवाई।
भारत की प्रमुख भौगोलिक परिषदें
स्ंसार की प्रथम भूगोल परिषद की स्थापना फ्रांस में की गई- पेरिस की भूगोल परिषद
(1) भारतीय राष्ट्रीय भूगोल परिषद वाराणसी (National Geographical Society of India NGSI)-
भारतीय राष्ट्रीय भूगोल परिषद वाराणसी की स्थापना हिन्दू विश्वविद्यालय के भूगोल के विभागाध्यक्ष प्रो0 एच. एल छिब्बर ने सन 1946 में की थी।
- इस विश्वविद्यालय के प्रो0 रामलोचन सिंह की एक पत्रिका नेशनल ज्योग्रफीक जनरल प्रकाशीत होती है। त्रिमासिक पत्रिका
- 1966 में इस विश्वविद्यालय में ऑल इंडिया सेमीनार ऑफ एप्लाईटज्योग्राफी का आयोजन हुआ था।
(2) भारतीय भूगोलवेत्ताओं का राष्ट्रीय संघ(National Association of Geographers india NAGI)-
भारतीय भूगोलवेत्ताओं का राष्ट्रीय संघकी स्थापना के प्रो0 मुनिसराज व प्रो गोशाल ने की थी। इसका सदस्य भारत का कोई भी भूगोलवेत्ता बन सकता है।
(4) बम्बई भूगोल परिषद मुंबई(Bombay Geographical Association Mumbai)-
125. इसकी स्थापना 1882 में रॉयल ज्यॉग्रफिकल सोसायटी लंदन के द्वारा भारत में एक साखा खोली गई ये भारत की सबसे प्रचीन व प्रथम भूगोल परिषद है।
(5) भारतीय भोगोलिक परिषद कोलकाता-
इसकी स्थापना सन 1933 में ज्योग्राफीक्स सोसायटी के नाम से हुई तथा 2 जनवरी 1951 को इसका नाम भारतीय भौगोलिक परिषद कोलकाता कर दिया गया।(6) अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय भूगोल सोसायटी-
अलीगढ़ इसकी स्थापना सन 1946 में हुई थी।
(7) उत्तर भारत भूगोल परिषद गोरखरपुर-
स्थापना सन 1968 में हुई थी इस परिषद द्वारा उत्तरभारत भूगोल पत्रिका का प्रकाशन किया जाता है।
(8) भारतीय भूगोलवेत्ता परिषद नई दिल्ली-
इसकी स्थापना 1955 में की गई थी ये परिषद भारतीय भूगोलवेत्ता नामक पत्रिका का प्रकाशन करती है।
(9) हैदराबाद भूगोलपरिषद- हैदराबाद-
इसकी स्थापना सन 1962 में चतुर्वेदी के द्वारा की गई थी इस परिषद के द्वारा द दक्कन ज्योग्राफर नामक भौगोलिक पत्रिका का प्रकाशन किया जाता है।
NATMO- National Atles and Thematic Mapping Organisation Kolkata राष्ट्रीय मानचित्रावली एंव विषयक मानचित्रण संगठन कोलकाता की स्थापना 1956 में प्रो0 चटर्जी के द्वारा की गई थी। ये भारत सरकार का संगठन है। NATMO का उद्देश्य भारत का राष्ट्रीय एटलस तैयार करना होता है।
1. सामाजिक भूगोल मुनिसरजा
2. आर्थिक भूगोल मो0 शफी
3. जनसंख्या व अधिवास भूगोल गुरुदेव सिंह गौशाल
4. नियोजन भूगोल देश पांडे
5. नगरीय भूगोल रामलोचन सिंह
link भौगोलिक विचारधाओं का विकास
link आधुनिक भूगोल का शास्त्रीय काल
link अरब भूगोलवेत्ता Arab Geographers
link फ्रांस के भूगोलवेत्ता french geographer
Good,thanks
ReplyDeletehii
ReplyDeleteHi Its a valuable information thanks for sharing SOFTWARE DEVELOPMENT SERVICES
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